Hindi Love Shayari Top 2

हाए ये कैसा मातम छाया हैं चारों और,

बेबसी, बेरुखी और लाचारी का कैसा आया हैं ये दौर ?

हाए ये कैसा मातम छाया हैं चारों और, बेबसी, बेरुखी और लाचारी का कैसा आया हैं ये दौर
Hindi Love Shayari
पहले भी नजरे चुराते थे वो हमसे, दावा मुहोब्बत का करते थे, खैर वो बात ही अलग है।

पहले भी नजरे चुराते थे वो हमसे,

दावा मुहोब्बत का  करते थे,

खैर वो बात ही अलग है।

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